अब सरकारी डॉक्टर प्राइवेट अस्पताल में प्रैक्टिस करते मिले, तो निलंबित

उज्जैन | जिला अस्पताल, चरक व माधवनगर अस्पताल के डॉक्टर प्राइवेट अस्पताल में प्रैक्टिस करते पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्हें निलंबित या सेवा भी समाप्त की जा सकती है। निजी अस्पताल के संचालकों को भी बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ एफआईआर भी हो सकती है। कलेक्टर संकेत भोंडवे ने गुरूवार को चरक अस्पताल में आयोजित पीसी एंड पीएनडीटी की समीक्षा के दौरान डॉक्टर्स को चेताया है कि वे निजी अस्पतालों में जाकर सेवाएं नहीं देंगे तो कार्रवाई से बच नहीं पाएंगे। प्राइवेट अस्पताल के संचालक इसकी सही जानकारी उपलब्ध नहीं करवाएंगे तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। जिले में पदस्थ स्वास्थ्यकर्मियों को हेडक्वार्टर पर रहना होगा। डेली अपडाउन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। कलेक्टर ने कार्रवाई का जिम्मा सीएमएचओ डॉ.व्हीके गुप्ता को सौंपा है। उन्होंने सोनोग्राफी सेंटर का लगातार निरीक्षण करने व कार्रवाई करने के आदेश दिए। जिला प्रशासन जरूरत पड़ने पर सोनोग्राफी सेंटर का स्टिंग ऑपरेशन भी करवाएगा। सिविल सर्जन डॉ.राजू निदारिया के पास ज्यादा जिम्मेदारी होने की वजह से पीसी एंड पीएनडीटी का नोडल अधिकारी डॉ.सुनीता परमार को बनाया है।

एक को निलंबित भी कर चुके हैं

सरकारी डॉक्टर शासन के आदेश के विपरीत निजी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं। सुबह के समय वे राउंड पर जाते हैं और कॉल पर भी मरीज को देखने जाते हैं। पूर्व में ऐसा ही एक मामला पूर्व सिविल सर्जन डॉ.डीपीएस गहरवार ने पकड़ा था। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ.महेश मरमट को इसके लिए निलंबित किया जा चुका है।

झोलाछापों पर होगी कार्रवाई

जिले के झोलाछाप डॉक्टर्स पर अब शिकंजा कसा जाएगा। निरीक्षण दल उनकी डिग्री की जांच करेंगे। उनके यहां पर किस प्रकार की चिकित्सकी सेवाएं दी जा रही है, इसकी पड़ताल की जाएगी। लगातार निगरानी रखी जाएगी तथा कार्रवाई होगी।

घर पर देख सकते हैं मरीज

सरकारी डॉक्टर किराए की दुकान या भवन में क्लीनिक नहीं चला सकते हैं। वे केवल घर पर मरीज देख सकते हैं। इसके लिए उन्हें रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने वाले डॉक्टर घर पर उक्त सेवा भी नहीं दे सकेंगे।

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